परिचय:
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां लगभग 60% जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। कृषि को प्राकृतिक आपदाओं, अनियमित मानसून, सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि और कीट-रोग जैसी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं से किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती हैं और वे आर्थिक संकट में आ जाते हैं। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरुआत की, जिससे किसानों को प्राकृतिक जोखिमों से सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता मिल सके।
योजना का शुभारंभ और उद्देश्य : PM Fasal Bima Yojana Online 2025
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत 13 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को फसल क्षति की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान करना, कृषि को जोखिम मुक्त बनाना, और कृषि क्षेत्र में निवेश व नवाचार को बढ़ावा देना है। यह योजना पिछले योजनाओं की तुलना में अधिक सरल, पारदर्शी और किसान हितैषी है।
योजना की विशेषताएं : PM Fasal Bima Yojana Online 2025
- कम प्रीमियम दर:
- खरीफ फसलों के लिए केवल 2% प्रीमियम,
- रबी फसलों के लिए 1.5% प्रीमियम,
- और व्यावसायिक फसलों के लिए 5% प्रीमियम लिया जाता है।
बाकी प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकार मिलकर वहन करते हैं।
- सभी प्रकार के जोखिम शामिल:
- सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, आंधी, कीट और रोग आदि से फसल क्षति को कवर किया जाता है।
- सभी किसानों के लिए:
- यह योजना पट्टेदार, स्वामित्व वाले भूमि के मालिक, और किरायेदार किसानों के लिए भी लागू है।
- डिजिटल क्लेम प्रोसेसिंग:
- मोबाइल ऐप, ड्रोन तकनीक और सैटेलाइट इमेजिंग के ज़रिए फसल नुकसान का मूल्यांकन किया जाता है।
लाभ और प्रभाव: PM Fasal Bima Yojana Online 2025
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से अब तक करोड़ों किसानों को लाभ मिल चुका है। इससे फसल के नुकसान की भरपाई करके किसानों को कर्ज में डूबने से रोका गया है। इस योजना ने किसानों में आत्मविश्वास और जोखिम उठाने की क्षमता बढ़ाई है। यह योजना कृषि क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करती है, जिससे आधुनिक खेती और नई तकनीकों को अपनाना संभव हो सका है।

चुनौतियाँ और आलोचनाएँ:
- क्लेम भुगतान में देरी:
कई राज्यों में बीमा कंपनियों द्वारा मुआवजा राशि समय पर नहीं दी गई, जिससे किसानों को परेशानी हुई। - बीमा कंपनियों का लाभ:
कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि बीमा कंपनियों को बड़ा मुनाफा हुआ, जबकि किसान अपेक्षित लाभ से वंचित रहे। - कवरेज की कमी:
कई छोटे और सीमांत किसान इस योजना से अनजान हैं या उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। - भ्रम और जानकारी की कमी:
गांवों में योजना के बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण किसान आवेदन नहीं कर पाते।
सरकार के प्रयास:
सरकार ने इन समस्याओं को दूर करने के लिए योजनाओं में पारदर्शिता लाने, तकनीकी उपायों को अपनाने और ‘मेरा फसल, मेरा ब्यौरा’, डिजिटल साइन, डिजिटल क्लेम ट्रैकिंग जैसे नवाचारों को लागू किया है। साथ ही, किसानों को मोबाइल ऐप के माध्यम से आवेदन और क्लेम की जानकारी दी जा रही है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए एक संरक्षण कवच की तरह है, जो उन्हें प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। यह योजना भारत के कृषि क्षेत्र को मजबूती देने, किसानों को आत्मनिर्भर बनाने, और देश की आर्थिक स्थिरता में योगदान देने वाली एक ऐतिहासिक पहल है। यदि इसके क्रियान्वयन में और सुधार लाए जाएं, तो यह योजना भविष्य में “किसानों की आर्थिक रीढ़” बन सकती है।
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